जीव विज्ञान (Biology)
Class - 10th Chapter - 5
भारती भवन के सम्पूर्ण प्रश्न व्याख्या सहित
नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination)
अभ्यासार्थ प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
1. सही उत्तर का संकेताक्षर ( क, ख, ग या घ) लिखें।
1. हमारे शरीर में विभिन्न जैविक कार्यों का नियंत्रण होता है
(क) तंत्रिका द्वारा
(ख) रसायनों द्वारा
(ग) तंत्रिका एवं रसायनों दोनों के द्वारा
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (ग)
2. ऐबसिसिक एसिड किस तरह का रसायन है ?
(क) ऑक्जिन की तरह
(ख) जिबरेलिंस की तरह
(ग) साइटोकाइनिन की तरह
(घ) वृद्धिरोधक
उत्तर – (घ)
3. बीजरहित पौधों के उत्पादन में ये सहायक होते हैं
(क) साइटोकाइनिन
(ख) ऑक्जिन
(ग) जिबरेलिन्स
(घ) ऑक्जिन एवं जिबरेलिन्स दोनों
उत्तर – (घ)
4. इनमें कौन फल पकाने के लिए प्रयुक्त होते हैं ?
(क) ऑक्जिन
(ख) जिबरेलिन्स
(ग) एथिलीन
(घ) साइटोकाइनिन
उत्तर – (ग)
5. मस्तिष्क का कौन-सा भाग हृदय – स्पंदन तथा श्वसन गति की दर को नियंत्रित करता है ?
(क) संरीब्रम
(ख) मेडुला
(ग) सेरीबेलम
(घ) डाइनसेफलॉन
उत्तर – (ख)
6. इनमें कौन बुद्धि और चतुराई का केंद्र है ?
(क) सेरीबेलम
(ख) मेडुला
(ग) सेरीब्रम
(घ) कॉर्पस कैलोसम
उत्तर – (ग)
7. हार्मोन स्रावित होता है –
(क) अंतःस्रावी ग्रंथि से
(ख) बहिस्रावी ग्रंथि से
(ग) नलिका ग्रंथि से
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (क)
8. एंड्रोजेन है—
(क) नरलिंग हॉर्मोन
(ख) स्त्रीलिंग हॉर्मोन
(ग) पाचक रस
(घ) पाराथाइरॉइड हार्मोन
उत्तर – (क)
9. एस्ट्रोजेन स्रावित होता है
(क) वृषण द्वारा
(ख) अंडाशय द्वारा
(ग) लैंगरहैंस की द्वीपिकाओं द्वारा
(घ) थाइरॉइड द्वारा
उत्तर – (ख)
II. रिक्त स्थानों को पूर्ति करें।
1. जीवों के जैव कार्यों के सफल संचालन के लिए अंगों का ………. आवश्यक है।
उत्तर – समन्वय और नियंत्रण
2. रासायनिक नियंत्रण में ……… की मदद से जैव कार्य सम्पन्न होते हैं।
उत्तर – हॉर्मोन्स
3. सभी जीवों के बाहरी एवं भीतरी वातावरण के बीच एक ……… बना रहता है।
उत्तर – संतुलन
4. ऑक्जिन मुख्यतः ………. पर पाए जाते हैं।
उत्तर – स्तंभ- शीर्ष
5. प्रत्येक न्यूरॉन में एक साइटॉन, एक ……….. तथा कई डेंड्राइट्स विद्यमान होते हैं।
उत्तर – एक्सॉन
6. मनुष्य के मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग अग्रमस्तिष्क ………. तथा ………. है।
उत्तर – मध्यमस्तिष्क, पश्चमस्तिष्क
7. रक्त में ग्लूकांज की मात्रा का नियंत्रण ……… नामक अंतःस्रावी ग्रंथि से स्रावित हॉर्मोनों के द्वारा होता है।
उत्तर – लैंगरहैंस द्वीपिकाए
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न :-
1. पौधों में शारीरिक कार्यों का नियंत्रण किस विधि से होता है?
उत्तर :- पौधों में शारीरिक कार्यों का नियंत्रण रासायनिक नियंत्रण (हार्मोन के द्वारा) विधि से होता है।
2. पौधों में हॉर्मोन्स की उत्पत्ति कहाँ होती है ?
उत्तर :- पौधों में हार्मोन्स की उत्पत्ति उसके क्रिया-क्षेत्र से दूर होती है। एवं यह विसरन द्वारा क्रिया-क्षेत्र तक पहुंचाते हैं
3. किन्हीं दो पादप वृद्धिवर्धक पदार्थों के नाम लिखें।
उत्तर :- दो पादप वृद्धि वर्धक पदार्थ ऑक्जिन और जिबरेलिन्स है ।
4. एक पादप वृद्धिरोधक हॉर्मोन का नाम लिखें।
उत्तर :- ऐबसिसिक एसिड एक वृद्धिरोधक हार्मोन है।
5. फल पकानेवाले हॉर्मोन का क्या नाम है ?
उत्तर :- एथिलीन है। यह एक गैस है।
6. पत्तियों के विलगन में किस कार्बनिक रसायन की मुख्य भूमिका रहती है ?
उत्तर :- पत्तियों के विलगन में ऐबसिसिक अम्ल की मुख्य भूमिका रहती है।
7. पादप हॉर्मोन क्या है?
उत्तर :- पौधों में उसकी वृद्धि और विकास को नियंत्रित करने रासायनिक पदार्थों का समूह पादप हार्मोन कहलाता है। पादप हार्मोन को फाइटोहार्मोन भी कहते हैं। ऐबसिसिक एसिड, एथिलीन ,साइटोका़इनिन, ऑक्जिन और जिबरेलिन्स आदि पादप हार्मोन के उदहारण हैं।
8. हॉर्मोन की कोई एक विशेषता लिखें।
उत्तर :- हार्मोन जटिल कार्बनिक पदार्थ हैं जो सजीवों में होने वाली विभिन्न जैव-रसायनिक क्रियाओं, वृद्धि, विकास एवं जनन आदि का नियमन तथा नियंत्रण करता है।
9. तंत्रिकीय तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई क्या है?
उत्तर :- तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई न्यूरॉन है।
10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखें।
उत्तर :- तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क, मेरुरज्जु एवं तंत्रिकाएं होती हैं।
11. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के निर्माण की दो प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन-सी हैं?
उत्तर :- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क तथा मेरूरज्जु सम्मिलित है
12. मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली क्या कहलाती है?
उत्तर :- मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली मेनिंजीज कहलाती है।
13. अग्रमस्तिष्क के दो मुख्य भागों के नाम लिखें।
उत्तर :-
(i) डायनसेफनॉल (ii) सेरेब्रम या प्रमस्तिष्क
14. मस्तिष्क में बुद्धि और चतुराई का केंद्र क्या है?
उत्तर :- सेरीब्रम को बुद्धि और चतुराई का केंद्र कहा जाता है।
15. जंतुओं के शरीर में होनेवाली विभिन्न क्रियाओं का रासायनिक नियंत्रण और समन्वय किसके द्वारा होता है?
उत्तर :- जंतुओं में रासायनिक नियंत्रण और समन्वय कुछ रासायनिक पदार्थों, जिन्हे हॉर्मोन कहते हैं, के द्वारा होता हैं । ये अन्तः स्त्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्त्रावित होते हैं l
16. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली तीन अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें।
उत्तर :-
(i) पिट्यूटरी ग्रंथी
(ii) थाइरॉयड ग्रंथी
(iii) पाराथाइरॉयड ग्रंथी
17. एड्रीनल ग्रंथि के कॉर्टेक्स भाग से स्रावित होनेवाले हॉर्मोन्स के नाम लिखें।
उत्तर :-
(i) मिनरलोकॉर्टिक्वायड्स
(ii) ग्लूकोकॉर्टिक्वायड्स
(ii) लिंग हार्मोन (एण्ड्रोजन और एस्ट्रोजन)
18. थाइरॉक्सिन हॉर्मोन किसके द्वारा स्रावित होता है?
उत्तर :- थाइरॉक्सिन हार्मोन थाइरॉइड ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है।
19. वृषण द्वारा स्त्रावित होनेवाले हॉर्मोन का क्या नाम है?
उत्तर :- वृषण से निकलने वाला हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन है।
20. रक्त में उपस्थित ग्लूकोस की मात्रा को नियंत्रित करनेवाला हॉर्मोन किस ग्रंथि द्वारा स्त्रावित होते हैं?
उत्तर :- रक्त में उपस्थित ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने वाला हार्मोन इन्सुलिन है। जो लैंगरहैंस की द्विपिकाएं से स्त्रावित होती है l
लघु उत्तरीय प्रश्न:-
1. जीवों के अंगों एवं अंगतंत्रों के कार्यों का समन्वय एवं नियंत्रण क्यों जरूरी होता है?
उत्तर :- बिना नियंत्रण के अंगों के कार्य करने का समय एक नहीं होगा एवं वे व्यवस्थित ढंग से अपने कार्यों का संपादन नहीं कर सकेंगे। इसलिए, जीवों के विभिन्न अंगों एवं अंगतंत्रों का समन्वय एवं नियंत्रण उनके विभिन्न कार्यों के कुशल संचालन के लिए अनिवार्य हैl
2. जिबरेलिन्स की मुख्य उपयोगिता क्या है ?
उत्तर :-जिबरेलिन (Gibberelin) एक प्रकार का वृद्धि हार्मोन है | इसके महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित है
(i) कोशिका विभाजन एवं कोशिका-दीर्घन द्वारा ये पौधे के स्तंभ की लंबाई में वृद्धि करते हैं।
(ii) इनके उपयोग से वृहत आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन किया जाता है।
(iii) बीजरहित फलों के उत्पादन में ये ऑक्जिन की तरह सहायक होते हैं।
3. ऑक्जिन की उत्पत्ति कहाँ होती है?
उत्तर :- ऑक्जिन पादप हार्मोन है। इसका उत्पति पौधे के शीर्ष भाग में होती हैं।
4. वृद्धि - नियंत्रक पदार्थ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :- बहुत से कार्बनिक यौगिक जो पौधे से उत्पन्न नहीं होते, परंतु पादप हार्मोन की तरह कार्य करते हैं उन्हें वृद्धि नियंत्रक पदार्थ कहा जाता है l
5. अगर स्तंभ-शीर्ष काट दिया जाए तो पौधों पर क्या असर पड़ेगा?
उत्तर :- यदि स्तंभ का शीर्ष काट दिया जाए तो पौधे की लम्बाई में वृद्धि रुक जाती है और पार्श्व शाखाएँ निकलने लगती हैं।
6. साइटोकाइनिन की कोशिका विभाजन में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर :- साइटोकाइनिन पौधे के जड़ों एवम् बीजों के भ्रूणपोश में संश्लेषित होने वाला पादप हार्मोन है। यह कोशिकाद्रव्य के विभाजन में सहायक होती है। जिससे कोशिका विभाजन में सहायता मिल जाती है। यह लम्बे समय तक पत्तियों को हरा एवं ताजा बनाए रखता है।
7. छुई-मुई की पत्तियाँ किस गति को दर्शाती हैं? हमारी टाँगों की गति से यह कैसे भिन्न है?
उतर – जब हम किसी छुई -मुई के पौधे की पत्तियों को स्पर्श करते हैं तो वह शीघ्र ही मुड़कर बंद हो जाती है। ऐसी गति का वृद्धि से कोई संबंध नहीं है। ऐसा उद्दीपन के कारण होता है। हमारी टांगें छोटी से बड़ी होती है यानी यह वृद्धि संबंधित होती है।
8. पौधों में प्रकाश-अनुवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर :- पौधे के अंगों (जैसे शीर्ष भाग और पत्तियों) का प्रकाश की ओर मुड़ना प्रकाश अनुवर्तन कहलाता है l
9. जंतुओं के शरीर में स्थित तंत्रिका तंत्र का क्या काम है?
उत्तर :- जंतुओं में तंत्रिका तंत्र सूचनाओं का आदान प्रदान करता हैं । तंत्रिका तंत्र पर्यावरण से सूचनाएँ एकत्रित कर उसे मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क से सूचना लेकर उसे शरीर के वांछित भाग तक पहुँचाता है।
10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भाग कौन-कौन-से हैं तथा ये किन-किन रचनाओं से बनते हैं?
उत्तर :- मनुष्य में तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन से तंत्रिका उत्तक तथा तंत्रिका ऊतक मिलकर तंत्रिका तंत्र का निर्माण करते हैं
11. मस्तिष्क के महत्त्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर :-
(i) आवेग ग्रहण करना तथा मस्तिष्क में ग्रहण किये गये आवेगों का विश्लेषण करना।
(ii) ग्रहण किये गये आवेगों की अनुक्रिया।
(iii) विभिन्न आवेगों का सहबंधन कर विभिन्न शारीरिक कार्यों का कुशलतापूर्वक समन्वय करना।
(iv) सूचनाओं का भंडारण करना। मस्तिष्क में अनेक सूचनाएँ चेतना या ज्ञान के रूप में रहती है। इसी कारणवश, मानव मस्तिष्क को चेतना या ज्ञान का भंडार भी कहा गया है।
12. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें।
उत्तर :- मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम निम्न हैं
(i)पिट्यूटरी ग्रंथि
(ii) थाइरॉइड ग्रंथि
(iii) पराथाइरॉइड ग्रंथि
(iv) एड्रिनल ग्रंथि,
(v) अग्नाशय की लैंगरहैंस की द्वीपिकाएँ
(vi) जनन ग्रंथि (अंडाशय तथा वृषण)
13. पिट्यूटरी ग्रंथि मास्टर ग्राथ क्यों कहलाती है?
उत्तर :- पिट्यूटरी ग्रंथि कई अन्य महत्वपूर्ण अंतः स्रावी ग्रंथियों का भी नियंत्रित करती है इसीलिए इसे मास्टर ग्रंथि भी कहते हैं
14. हॉर्मोन थाइरॉक्सिन का क्या महत्त्व है?
उत्तर :- हॉर्मोन थाइरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के सामान्य उपापचय (general metabolism) का नियंत्रण करता है। अतः यह शरीर की सामान्य वृद्धि, विशेषकर हड्डियों, बालों इत्यादि के विकास के लिए आवश्यक है। थायरॉक्सिन मानसिक व शारीरिक वृद्धि को भी प्रभावित करता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:-
1. पादप हॉर्मोन्स के मुख्य उदाहरण लिखें एवं ऑक्जिन के प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर :- पौधों में मुख्यतः पाँच प्रकार के हार्मोन पाए जाते हैं। वे हैं,
(i) ऐबसिसिक एसिड
(ii) एथिलीन
(iii) साइटोका़इनिन
(iv) ऑक्जिन
(v) जिबरेलिन्स
ऑक्जिन का कार्य निम्नलिखित हैं :
यह पौधे को प्रकाश की ओर ले जाता है
यह पत्तियों के विलंगन को रोकता है।
यह पौधे के शीर्ष भाग में कोशिका विभाजन करके लम्बाई में वृद्धि करता हैं
बिजरहित फल के निर्माण में सहायता होता हैं
2. वृद्धि-नियंत्रक पदार्थ से आप क्या समझते हैं? पौधों में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर :- बहुत से कार्बनिक यौगिक जो पौधे से उत्पन्न नहीं होते, परंतु पादप हार्मोन की तरह कार्य करते हैं उन्हें वृद्धि नियंत्रक पदार्थ कहा जाता है l
पौधों में रासायनिक समन्वय वृद्धि होर्मोन के संश्लेषण के कारण होता है।
3. जिबरेलिन्स एवं साइटोकाइनिन के कार्यों की विवेचना करें।
उत्तर :-
(i) जिबरेलिन्स:-
यह कोशिका विभाजन तथा कोशिका दीर्घन द्वारा तने को लम्बा बनाते हैं l
इसके उपयोग से वृहत् आकार के फल एवं फूलों का उत्पादन किया जाता हैं।
इसके प्रयोग से बीजरहित फलों का उत्पादन किया जाता है।
(ii) साइटोकाइनिन :-
यह कोशिका विभाजन के लिए एक आवश्यक हार्मोन है।
यह पार्श्व कलिकाओं (Lateral buds) की वृद्धि को प्रारम्भ करते हैं।
बीजों के अंकुरण (Germination) को प्रेरित करते हैं।
4. तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन की संरचना का सचित्र वर्णन करें ।
उत्तर :-
साइटॉन (cyton):- साइटोन तारे के आकर का होता है जिसमे कोशिकाद्रव्य तथा एक बड़ा केन्द्रक पाई जाती है
एक्सॉन:- साइटोन से निकलनेवाले सबसे लम्बे प्रवर्द्ध को एक्सॉन कहते हैं
डेंड्राइट्स (dendrites):- एक्सॉन के अतिरिक्त अन्य प्रवर्धन जो सामान्यतः छोटे और शाखित होते हैं, डेंड्राइट्स (dendrites) कहलाते हैं। डेंड्राइट्स विभिन्न प्रकार की संवेदनाओं को संवेदी अंगों (जैसे कान, नाक, जीभ आदि) से ग्रहण कर साइटॉन को पहुँचाते हैं।
सूत्रयुग्मन गाँठें (synaptic knobs):- एक्सॉन अपने अंतिम छोर पर स्वयं शाखित हो जाते हैं और प्रत्येक शाखा सूक्ष्म गाँठ जैसी रचना में समाप्त हो जाती है जिन्हें सूत्रयुग्मन गाँठें या साइनैप्टिक नॉब्स (synaptic knobs) कहते हैं।
सिनैप्स (synapse):- एक न्यूरॉन के सूत्रयुग्मन गाँठें दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइट्स से जुड़कर संपर्क स्थापित करते हैं। इस स्थान को सिनैप्स (synapse) कहते हैं।
मेडुलरी या मायलिन शीथ (medullary or myelin sheath) :- एक्सॉन के चारों तरफ श्वेत चर्बीदार पदार्थों (fatty substances) का एक आवरण होता है जिसे मेडुलरी या मायलिन शीथ (medullary or myelin sheath) कहते हैं।
रेनवियर के नोड (nodes of Ranvier):- वे जगह जहाँ मायलिन शीथ नहीं होते हैं, रेनवियर के नोड (nodes of Ranvier) कहलाते हैं।
इंटरनोड :- दो नोड्स के बीच के भाग को इंटरनोड कहते हैं।
न्यूरिलेमा :- मायलिन शीथ के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है जिसे न्यूरिलेमा (neurilemma) कहते हैं।
श्वान कोशिका (Schwann cells):- न्यूरिलेमा के अंदर कोशिकाद्रव्य में कहीं-कहीं केंद्रक पाया जाता है। इन कोशिकाओं को श्वान कोशिका (Schwann cells) कहते हैं।
जब एक्सॉन बहुत लंबा होता है तो वह तंत्रिका तंतु (nerve fibre) कहलाता है तथा कई तंत्रिका तंतुओं के मिलने से तंत्रिका (nerve) बनता है।
5. मनुष्य के मस्तिष्क की संरचना का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर :-
मनुष्य का मस्तिष्क :- मस्तिष्क एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कोमल अंग है। मस्तिष्क खोपड़ी (skull) की मस्तिष्कगुहा या क्रेनियम (brain box or cranium) के अंदर सुरक्षित रहता है। यह चारों ओर से एक झिल्ली से घिरा होता है जिसे मेनिजीज (meninges) कहते हैं। यह झिल्ली मस्तिष्क को बाहरी आघातों तथा दबाव से बचाता है। मस्तिष्क का औसत भार करीब 1.5 kg होता है। मस्तिष्क को तीन प्रमुख भागों में बाँटा गया है-
अग्रमस्तिष्क (forebrain)
मध्यमस्तिष्क (midbrain)
पश्चमस्तिष्क (hindbrain)
1. अग्रमस्तिष्क को दो भागों में बँटा गया हैं
(क) प्रमस्तिष्क या सेरीब्रम (cerebrum)
(ख) डाइएनसेफलॉन (diencephalon)
(क) प्रमस्तिष्क या सेरीघ्रम- यह मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग (प्रायः 2/3 हिस्सा) है।
यह मस्तिष्क का अत्यंत महत्त्वपूर्ण भाग है। यह बुद्धि और चतुराई का केंद्र है। मानव में किसी बात को सोचने-समझने की शक्ति, स्मरण शक्ति, किसी कार्य को करने की प्रेरणा, घृणा, प्रेम, भय, हर्ष, कष्ट के अनुभव जैसी क्रियाओं का नियंत्रण और समन्वय सेरीब्रम के द्वारा ही होता है। यह मस्तिष्क के अन्य भागों के कार्यों पर भी नियंत्रण रखता है।
(ख) डाइएनसेफलॉन — यह कम या अधिक ताप के आभास तथा दर्द और रोने जैसी क्रियाओं का नियंत्रण करता है।
2. मध्यमस्तिष्क— यह मस्तिष्क स्टेम (brain stem) का ऊपरी भाग है। इसमें अनेक तंत्रिका कोशिकाएँ (केंद्रिकाएँ) कई समूहों में उपस्थित होती हैं।
इसमें संतुलन एवं आँख की पेशियों को नियंत्रित करने के केंद्र होते हैं।
3. पश्चमस्तिष्क— इसके दो भाग हैं -
(क) अनुमस्तिष्क या सेरीबेलम (cerebellum)
(ख) मस्तिष्क स्टेम (brain stem)
(क) अनुमस्तिष्क या सेरीवेलम—यह ऐच्छिक पेशियों की गतियों का नियंत्रण करता है। यदि मस्तिष्क से सेरीबेलम को नष्ट कर दिया जाए तो सामान्य ऐच्छिक गतियाँ (normal voluntary movements) असंभव हो जाएँगी। उदाहरण के लिए, हाथों का परिचालन ठीक से नहीं होगा, अर्थात वस्तुओं को पकड़ने में हाथों को कठिनाई होगी, पैरों द्वारा चलना मुश्किल हो जाएगा आदि । इसका कारण यह है कि हाथों और पैरों की ऐच्छिक पेशियों का नियंत्रण सेरीबेलम के नष्ट होने से समाप्त हो जाता है। इसी प्रकार, बातचीत करने में कठिनाई होगी; क्योंकि तब जीभ और जबड़ों की पेशियों के कार्यों का समन्वय नहीं हो पाएगा l
(ख) मस्तिष्क स्टेम (Brain stem)- -इसके अंतर्गत
(i) पॉन्स वैरोलाई (pons varolii) एवं (ii) मेडुला ऑब्लांगेटा (medulla oblongata) आते हैं।
(i) पॉन्स वैरोलाई— यह श्वसन को नियंत्रित करता है।
(ii) मेडुला ऑब्लांगेटा—यह बेलनाकार रचना है जो पीछे की ओर स्पाइनल कॉर्ड या मेरुरज्जु के रूप में पाया जाता है। इसी में अनैच्छिक क्रियाओं (हृदय-स्पंदन हृदय की धड़कन (heartbeat), या रक्तचाप (blood pressure) और श्वसन -गति की दर (rate of respiration) का नियंत्रण) के नियंत्रण केंद्र स्थित होते हैं।
मस्तिष्क के इसी भाग द्वारा विभिन्न प्रतिवर्ती क्रियाओं; जैसे खाँसना (coughing), छींकना (sneezing), उलटी करना (vomiting), पाचक रसों के स्राव इत्यादि का नियंत्रण होता है।
6. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखें। पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित हॉर्मोनों के कार्यों का उल्लेख करें
उत्तर :-उत्तर – मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतःस्रावी ग्रंथियाँ इस प्रकार हैं—
(i) पिट्यूटरी ग्रंथि
(ii) थाइरॉइड ग्रंथि
(iii) पाराथाइरॉइड ग्रंथि
(iv) एड्रीनल ग्रंथि
(v) अग्न्याशय या लैंगरहैंस की द्वीपिकाएँ
(vi) जनन ग्रंथियाँ: अंडाशय तथा वृषण।
पिट्यूटरी ग्रंथि:- यह दो मुख्य भागों अग्रपिंडक तथा पश्चपिंडक में बँटा होता है।
अग्रपिंडक द्वारा स्त्रावित हार्मोन वृद्धि हार्मोन कहलाता है। यह शरीर की वृद्धि (विशेषकर हड्डियों तथा मांसपेशियों के वृद्धि) को नियंत्रित करता है। इस हार्मोन के अधिक मात्रा में स्राव से मनुष्य की लंबाई औसत से बहुत अधिक बढ़ जाती है। हड्डियाँ भारी तथा मोटी हो जाती हैं। इस अवस्था को वृहत्तता या जाइगौटिज्म कहते हैं। बाल्यावस्था में इस हार्मोन के कम स्राव से शरीर की वृद्धि रुक जाती है, जिससे मनुष्य में बौनापन हो जाता है।
अग्रपिंडक द्वारा स्रावित अन्य हॉर्मोन नर में शुक्राणु तथा मादा में अंडाणु बनने की क्रिया को नियंत्रित करते हैं। एक अन्य हॉर्मोन मादा के स्तनों को दुग्ध-स्राव के लिए उत्तेजित कराता है।
पश्चपिंड द्वारा स्रावित हार्मोन शरीर में जल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है तथा मादा में बच्चे के जनन में सहायक होता है।
अथवा
यह ग्रंथि मस्तिष्क के ठीक नीचे होती है और कई प्रकार के हार्मोन्स स्रावित करती है। पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन्स में से एक है विकास हार्मोन। यह विकास हार्मोन हड्डियों एवं मांसपेशियों के विकास को नियंत्रित करता है। जिन व्यक्तियों में विकास हार्मोन की कमी होती है वे बहुत नाटे रह जाते हैं और जिनमें इसका स्राव बहुत अधिक होता है वे बहुत लंबे हो जाते हैं।
7. एड्रीनल और जनन ग्रंथियों द्वारा स्रावित हॉर्मोनों और उनके कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर :- अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)
अधिवृक्क ग्रंथि दोनों गुर्दों के उपर होती है। ये ग्रंथ अधिवृक्क हार्मोन स्रावित करती है जो हृदय गति, सांस लेने की दर, रक्त दबाव और कार्बोहाइड्रेट चयापचय को नियंत्रित करती है। जब कोई व्यक्ति बहुत खुश या डरा हुआ होता है तो यह हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में स्रावित होता है। इस ग्रंथि को आपातकालीन ग्रंथि (glands of emergency) भी कहते हैं।
वृषण (Testes) :- यह ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में होती है और पुरुष यौन हार्मोन टेस्टोस्टेरोन बनाती है। टेस्टोस्टेरोन पुरुष यौन अंगों और पुरुषों के गुण जैसे गंभीर आवाज, मूछें, दाढ़ी आदि के विकास को नियंत्रित करता है।
अंडाशय (Ovaries):- यह ग्रंथि सिर्फ महिलाओं में होती है और यह मादा यौन हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन बनाता है। एस्ट्रोजन मादा यौन अंगों एवं महिला गुणों जैसे स्त्रियोजित आवाज, कोमल त्वचा औऱ स्तन ग्रंथियों के विकास को नियंत्रित करने में मदद करता है। प्रोजेस्टेरोन माहवारी चक्र में गर्भाशय के परिवर्तन को नियंत्रित करता है।